छत्तीसगढ़ / दुर्ग। जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। बीते चार दिनों से जारी तेज बारिश के कारण जिले की प्रमुख नदियों और नालों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। शिवनाथ नदी समेत कई जलधाराएं उफान पर हैं, जिससे बस्तियों और शहरी इलाकों में जलभराव की गंभीर स्थिति बन गई है। सड़कें तालाब बन चुकी हैं और गाड़ियों में पानी भरने लगा है।
भिलाई का बीजेपी कार्यालय भी चपेट में
भिलाई में स्थिति और भी भयावह हो गई है। महमरा एनीकट का जलस्तर करीब 6 फीट तक बढ़ चुका है, जिससे आसपास के कई इलाकों में पानी भर गया है। जलभराव की सबसे ज्यादा मार भिलाई स्थित भाजपा कार्यालय को झेलनी पड़ी है, जो पूरी तरह से पानी में डूब गया है। इसके अलावा सुपेला स्थित चंद्रा मौर्या और प्रियदर्शनी परिसर के अंडरब्रिज भी जलमग्न हो चुके हैं, जिससे आवाजाही पूरी तरह से बाधित हो गई है।
जल निकासी के प्रयास तेज, प्रशासन सतर्क
बारिश से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए भिलाई नगर निगम की टीम युद्धस्तर पर जल निकासी के काम में जुट गई है। पंपिंग सेट और भारी मशीनों की सहायता से पानी निकालने का कार्य किया जा रहा है। प्रशासन ने आम नागरिकों से सतर्क रहने और ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण लेने की अपील की है। हालात पर निगरानी बनाए रखने के लिए कंट्रोल रूम को भी सक्रिय कर दिया गया है।
जनजीवन प्रभावित, घर से निकलना मुश्किल
भारी जलभराव के चलते प्रमुख सड़कें और अंदरूनी गालियां पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी हैं। लोगों को घरों से निकलने में भारी परेशानी हो रही है। अंडरब्रिज लबालब भर जाने से वाहन चालकों को रास्ता बदलना पड़ रहा है। कोसा नाला बस्ती, अटल आवास, पुलिस थाना जैसे क्षेत्रों में भी जलजमाव की स्थिति बनी हुई है।
स्थानीय निवासियों की चिंता
कैम्प, सुपेला, खुर्सीपार जैसी कॉलोनियों के निवासी परेशान हैं। बस्तीवासियों ने बताया कि हर साल ज्यादा बारिश में घरों में पानी घुस जाता है। “बच्चे छोटे हैं, पानी भरने से सांप और जहरीले कीड़े-मकोड़ों का डर बना रहता है,” एक स्थानीय महिला ने कहा। कई घरों में पहले भी ऐसे खतरनाक जीव घुस चुके हैं।
प्रशासन और नगर निगम की टीम के लिए यह बारिश एक अग्निपरीक्षा बन गई है। अब देखना होगा कि जलनिकासी के प्रयास कितनी जल्दी रंग लाते हैं और जनजीवन कब पटरी पर लौटता है।