नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह दक्षिण अफ्रीका के जोहांसबर्ग में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना हो गए। दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में यह सम्मेलन 21 से 23 नवंबर 2025 तक आयोजित होगा। पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप पर हो रहे इस जी20 समिट को ऐतिहासिक महत्व का माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे में भारत और ग्लोबल साउथ से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री को यह निमंत्रण दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने दिया है। यह प्रधानमंत्री मोदी का दक्षिण अफ्रीका का चौथा आधिकारिक दौरा है। इससे पहले वे 2016 के द्विपक्षीय दौरे तथा 2018 और 2023 के BRICS समिट में शामिल हो चुके हैं।
जी20 की यह बैठक ग्लोबल साउथ द्वारा आयोजित लगातार चौथी शिखर बैठक है। इससे पूर्व इंडोनेशिया (2022), भारत (2023) और ब्राजील (2024) अपनी-अपनी प्रेसीडेंसी में इस सम्मेलन की मेजबानी कर चुके हैं।
विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी (ER) सुधाकर दलेला ने कहा कि जी20 उन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर चर्चा का मंच है, जहां पिछले सत्र के दौरान सदस्य देशों ने कई नई पहलों और पायलट परियोजनाओं पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका ने अपनी प्रेसीडेंसी के लिए जिन चार प्रमुख वर्टिकल्स को चिन्हित किया है, उनके तहत वर्ष भर उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई है।
इस वर्ष के जी20 सम्मेलन की थीम ‘एकजुटता, समानता, स्थिरता’ रखी गई है। जी20 समूह दुनिया के 85% वैश्विक GDP और 75% अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों और राजनीतिक सहयोग पर आधारित गहरा संबंध है।
गौरतलब है कि अफ्रीकन यूनियन, जिसे भारत की 2023 प्रेसीडेंसी के दौरान जी20 का स्थायी सदस्य बनाया गया था, इस वर्ष समिट के एजेंडा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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