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लालकिला ब्लास्ट केस: चार आरोपी 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेजे गए

नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालकिला ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों को 10 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है। गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने इन चारों को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच अदालत में पेश किया। जिन आरोपियों को हिरासत में भेजे जाने का आदेश दिया गया है, उनमें पुलवामा के डॉ. मुजम्मिल शकील गनई, जम्मू-कश्मीर के डॉ. आदिल अहमद रतहर, लखनऊ के डॉ. शाहीन सईद और जम्मू-कश्मीर के मुफ्ती इरफान वागे शामिल हैं।

इस कार्रवाई के साथ एनआईए अब तक इस मामले में कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले एजेंसी ने आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर नबी के सहयोगी जासिर बिलाल वानी उर्फ दानिश को श्रीनगर से गिरफ्तार किया था। एनआईए के अनुसार दानिश ने ड्रोन में तकनीकी बदलाव, कार बम विस्फोट से पहले रॉकेट तैयार करने की कोशिश, और पूरी साजिश को अंजाम देने में अहम भूमिका निभाई।

एजेंसी का कहना है कि राजनीति विज्ञान में स्नातक दानिश को आत्मघाती हमलावर बनाने के लिए उमर ने कई महीनों तक ब्रेनवॉश किया। अक्टूबर 2024 में कुलगाम की एक मस्जिद में दानिश की कथित रूप से ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ के सदस्यों से मुलाकात करवाई गई, जिसके बाद उसे हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह विश्वविद्यालय में ठहराया गया।

एनआईए के अनुसार, दानिश को पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि मॉड्यूल के अन्य सदस्य उसे प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के लिए ओवर-ग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में इस्तेमाल करना चाहते थे। वहीं उमर उसे आत्मघाती हमलावर बनने के लिए तैयार कर रहा था। लेकिन इस साल अप्रैल में दानिश ने आर्थिक स्थिति और इस्लाम में आत्महत्या को हराम बताकर इस योजना से इनकार कर दिया, जिसके बाद यह कोशिश विफल हुई।

इससे पहले इसी मामले में गिरफ्तार आरोपी आमिर रशीद अली को भी अदालत दस दिन की एनआईए हिरासत में भेज चुकी है। आमिर को एनआईए ने 16 नवंबर को गिरफ्तार किया था। लालकिला ब्लास्ट केस में आमिर पहली गिरफ्तारी था। उस पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपी उमर को हमले में इस्तेमाल की गई कार लाने में मदद की।

गौरतलब है कि 10 नवंबर को लालकिला के पास खड़ी एक i10 कार में शक्तिशाली विस्फोट हुआ था। यह कार आमिर रशीद अली के नाम पर पंजीकृत थी। धमाके में 15 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 32 लोग घायल हुए थे।

जांच एजेंसी अब मामले की गहन पूछताछ और अन्य संभावित सहयोगियों की तलाश में तेज़ी से काम कर रही है।

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