भोपाल : मध्य प्रदेश में मानसून ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। राज्य के लगभग 15 जिलों में बुधवार को मूसलाधार बारिश हुई, जिससे नदी-नाले उफान पर आ गए हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। निचले इलाकों में घर, दुकानें और स्कूल तक जलमग्न हो गए हैं। नर्मदापुरम के इटारसी में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
मौसम विभाग ने गुरुवार 24 जुलाई को प्रदेश के 17 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जबकि शेष जिलों में येलो अलर्ट लागू है। साथ ही कई जगहों पर 4.5 इंच तक बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे जलभराव और बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है। बिजली गिरने और तेज हवाओं का भी अलर्ट है।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, डिंडोरी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर और पांढुर्ना जिलों में आज झमाझम बारिश का अनुमान है। इन सभी जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
वहीं, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर सहित लगभग 40 से अधिक जिलों में येलो अलर्ट लागू किया गया है। इनमें अनुपपुर, उमरिया, कटनी, राजगढ़, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगौन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, शहडोल, टीकमगढ़, निवाड़ी और मैहर शामिल हैं।
मौसम विभाग का विश्लेषण
मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई सुरेंद्रन के अनुसार, “वर्तमान में एक मानसून ट्रफ फिरोजपुर से होते हुए पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपरी वायुमंडल में एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। पश्चिमी विक्षोभ भी जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊपर सक्रिय है, जो मध्य प्रदेश में मौजूदा वर्षा की स्थिति को और अधिक तीव्र बना रहा है।”
डॉ. सुरेंद्रन ने बताया कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने चक्रवाती परिसंचरण और उससे जुड़ी ट्रफ रेखा महाराष्ट्र, विदर्भ, तेलंगाना होते हुए मध्य भारत की ओर प्रभाव डाल रही है। इस प्रणाली के कारण अगले 48 घंटे मध्य प्रदेश के लिए संवेदनशील माने जा रहे हैं।
मुरैना में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त
मुरैना जिले में बुधवार को दोपहर बाद अचानक मौसम बदला और मूसलाधार बारिश शुरू हो गई। शहर के प्रमुख बाज़ारों और आवासीय इलाकों में पानी भर गया। नगर निगम के दावों के बावजूद नालों की सफाई अधूरी रहने के कारण जल निकासी की व्यवस्था पूरी तरह ठप रही। कई मोहल्लों में हालात ऐसे हैं कि दूसरे दिन तक भी पानी निकलने की संभावना नहीं है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि सड़कों पर कई जगह दो फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे वाहन चालकों और पैदल राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन अलर्ट, राहत टीम तैनात
राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें भी तैनात कर दी गई हैं।
निवासियों से अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें। बिजली गिरने की संभावना को देखते हुए खुले स्थानों से दूर रहें और सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।