रुद्रप्रयाग — उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के बसुकेदार क्षेत्र में शुक्रवार तड़के लगभग तीन बजे छेनागाड़ में बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी। देखते ही देखते पूरे इलाके में पानी और मलबे का सैलाब आ गया, जिसने रास्ते में आने वाले घरों, मवेशियों और खेतों को तबाह कर दिया। ताल जामण, बड़ेथ और डूंगर गांव सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, पानी इतनी तेजी से आया कि कई मकान ढह गए, और कुछ लोगों को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर सड़क पर शरण लेनी पड़ी। एक ग्रामीण ने बताया, “बाढ़ सीधे हमारे घर के ऊपर से निकली, जिससे घर का आधा हिस्सा बह गया। बाकी हिस्सा भी कभी भी गिर सकता है।”
मलबे और पत्थरों से हिल गए घर
ग्रामीणों के अनुसार, पहाड़ियों से तेज बहाव के साथ भारी मलबा और बड़े पत्थर आए, जिससे मकानों की नींव हिल गई। लोगों को घरों के दोनों ओर से बहते पानी ने घेर लिया था, जिससे भागने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में कई परिवारों ने मुख्य सड़क पर रात गुजारी, खुले आसमान के नीचे।
बच्चों को कंधे पर लेकर निकले बाहर
आपदा पीड़ित संदीप ने बताया कि आपदा के समय वह अपने छोटे बच्चों को कंधे पर लेकर सड़क तक पहुंचे। उन्होंने बताया कि छेना घाट में लगभग 8–10 लोग लापता हैं। ताल जामण गांव में कई मवेशी भी बह गए, जिनका अब तक कोई पता नहीं चल पाया है।
भावुक हुईं विधायक
घटनास्थल पर पहुंचीं केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल और शैलारानी रावत ने जब पीड़ितों का हाल जाना तो वे भी भावुक हो उठीं। पीड़ितों की पीड़ा सुनते हुए विधायक की आंखों से आंसू छलक आए।
अधिकारी पैदल पहुंचे आपदाग्रस्त गांव
सड़कों के क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी प्रतीक जैन और पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे को पैदल ही गांवों तक पहुंचना पड़ा। वे शाम तक ताल जामण गांव पहुंचे और बड़ेथ व डूंगर से होते हुए क्षतिग्रस्त रास्तों का निरीक्षण किया।
उन्होंने राजकीय प्राथमिक विद्यालय ताल जामण में प्रभावित ग्रामीणों से बातचीत की और आश्वासन दिया कि प्रशासन हरसंभव मदद करेगा। जिलाधिकारी ने तत्काल खाद्य सामग्री, राहत किट और रास्तों की मरम्मत के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
मौसम विभाग की चेतावनी
इस बीच, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अलर्ट रहने की अपील की है।