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अनंतनाग में सीआरपीएफ कैंप में घुसा तेंदुआ, जवान घायल

श्रीनगर, 24 दिसंबर: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब एक तेंदुआ सीआरपीएफ कैंप में घुस आया और एक जवान को घायल कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों के अनुसार, तेंदुआ जिले के कपरान स्थित सीआरपीएफ कैंप में घुस गया, जिससे कैंप में मौजूद जवानों में हड़कंप मच गया। इस दौरान हेड कांस्टेबल कमलेश्वर कुमार पर तेंदुए ने हमला कर दिया, जिसमें वह घायल हो गए।

“घायल जवान को तुरंत नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया। उनकी हालत स्थिर है और वे वापस कैंप लौट आए हैं,” अधिकारियों ने बताया।

घटना के बाद वन्यजीव संरक्षण विभाग के फील्ड स्टाफ को बुलाया गया है, ताकि तेंदुए को सुरक्षित रूप से पकड़कर अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जा सके और किसी तरह की जान-माल की हानि न हो।

यह घटना कश्मीर घाटी में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष की एक और कड़ी है। हाल ही में उत्तर कश्मीर के सोपोर इलाके के एक गांव में तेंदुए ने भेड़ों के झुंड पर हमला कर कम से कम सात भेड़ों को मार डाला था, जबकि कई अन्य घायल हो गई थीं। इस घटना से गांव में दहशत फैल गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने वन्यजीव विभाग से तेंदुए को पकड़ने के लिए टीम तैनात करने और पिंजरे लगाने की मांग की थी। इसके बाद वन्यजीव विभाग की टीम ने तेंदुए की तलाश शुरू की।

सितंबर में दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के चेत्रगाम इलाके में एक आठ वर्षीय बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर उसे घायल कर दिया था।

पिछले एक दशक में कश्मीर घाटी में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। अक्सर भालू और तेंदुए जैसे जंगली जानवर गांवों में घुसकर पशुधन को नुकसान पहुंचाते हैं, लोगों पर हमला करते हैं और कभी-कभी बच्चों को भी निशाना बनाते हैं।

मानव-वन्यजीव संघर्ष से तात्पर्य मनुष्यों और जंगली जानवरों के बीच होने वाली उन नकारात्मक घटनाओं से है, जिनका असर मानव जीवन, आजीविका और संसाधनों पर पड़ता है, वहीं दूसरी ओर वन्यजीवों और उनके आवासों को भी नुकसान होता है। बढ़ती आबादी और भूमि उपयोग में बदलाव के कारण हाल के वर्षों में ऐसी घटनाओं में तेजी आई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समस्या से निपटने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर वन विभाग, वन्यजीव संरक्षण, कृषि, पशुपालन और अन्य संबंधित विभागों के बीच समन्वय बेहद जरूरी है, ताकि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन और सह-अस्तित्व सुनिश्चित किया जा सके।

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