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छोटे किसानों को मिलेगी राहत, ग्रीन फ्यूल कृषि औजार बनाने पर सरकार का जोर

नई दिल्ली : कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने गुरुवार को कहा कि सरकार वर्ष 2047 तक भारत को वैश्विक खाद्यान्न भंडार केंद्र बनाने के लक्ष्य के तहत हरित ईंधन आधारित कृषि मशीनरी को बढ़ावा देगी और छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए मशीनीकरण की पहुंच में उल्लेखनीय विस्तार करेगी।

फिक्की द्वारा आयोजित कृषि सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि लागत में कमी, उत्पादकता में वृद्धि, मूल्य संवर्धन के माध्यम से बेहतर मूल्य प्राप्ति, तथा जलवायु परिवर्तन से निपटने में आधुनिक मशीनीकरण की अहम भूमिका है।

हरित ईंधन की ओर संक्रमण अनिवार्य : चतुर्वेदी

कृषि सचिव ने कहा, “अगले 5 से 10 वर्षों में हमें अपनी तकनीकों को हरित ईंधन की ओर ले जाना होगा—चाहे वह विद्युत चालित ट्रैक्टर हों या ग्रामीण संयंत्रों से उपलब्ध सीबीजी (कंप्रेस्ड बायोगैस) आधारित मशीनें।”

उन्होंने बताया कि हरित ईंधन आधारित तकनीकों से किसानों के रखरखाव और परिचालन लागत में कमी आएगी और सरकारी योजनाओं में ऐसी तकनीक को प्राथमिकता दी जाएगी। चतुर्वेदी ने कार्यक्रम में मौजूद इतालवी उद्योगों से सहयोग बढ़ाने का आग्रह भी किया।

भारत-इटली कृषि सहयोग पर जोर

कार्यक्रम में इटली के राजदूत एंतोनियो बार्तोली ने कहा कि कृषि-खाद्य मूल्य श्रृंखला दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती है। भारत में कृषि का जीडीपी में हिस्सा लगभग 16%, जबकि इटली में लगभग 15% है।

उन्होंने बताया कि भारत का कृषि मशीनरी बाजार 2032 तक दोगुना होकर 20 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। बार्तोली ने कहा, “इटली के पास कृषि 4.0 की आधुनिक तकनीक है और भारत के पास विशाल बाजार।”

राजदूत ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी द्विपक्षीय व्यापार को 2025-2029 की संयुक्त रणनीतिक कार्ययोजना के तहत 20 अरब यूरो तक ले जाने के लक्ष्य पर सहमत हैं।

इतालवी कंपनियों का बढ़ता निवेश

बार्तोली के अनुसार भारत ने पिछले वर्ष इटली से 3 करोड़ यूरो मूल्य की कृषि मशीनरी का आयात किया और लगभग 20 इतालवी कंपनियां भारत में उत्पादन कर रही हैं।

इटली ने व्यापार सहयोग बढ़ाने के लिए एसआईएमईएसटी, एक सरकारी वित्तीय संस्था, के माध्यम से 50 करोड़ यूरो की वित्तपोषण सुविधा स्थापित की है, जिसमें 49% इक्विटी तक साझेदारी संभव है।

दिसंबर में होगा तीसरा व्यापार मंच

उन्होंने घोषणा की कि तीसरा भारत-इटली व्यापार मंच 10-11 दिसंबर को दिल्ली और मुंबई में आयोजित होगा, जिसमें इटली के उप-प्रधानमंत्री भी शामिल होंगे और कृषि-खाद्य उद्योग पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इतालवी व्यापार एजेंसी (ICE) की उप व्यापार आयुक्त सबरीना मंगियालावोरी ने कहा कि इटली का कृषि मशीनरी उद्योग 16 अरब यूरो से अधिक के उत्पादन मूल्य के साथ विश्व में अग्रणी है। भारत को इटली का निर्यात 2028 तक 3.8 करोड़ डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है।

महिला किसानों के लिए उपयुक्त उपकरण जरूरी

अपने संबोधन में कृषि सचिव चतुर्वेदी ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र ने 2026 को ‘अंतरराष्ट्रीय महिला किसान वर्ष’ घोषित किया है। उन्होंने कहा, “कृषि के सबसे कठिन कार्य महिलाएं करती हैं, इसलिए ऐसे उपकरण आवश्यक हैं जो उनके कार्यभार को वास्तव में कम करें।”

कार्यक्रम में टीएएफई समूह के अध्यक्ष टी. आर. केसवन और कॉर्टेवा एग्रीसाइंस के दक्षिण एशिया अध्यक्ष सुब्रतो गीड भी उपस्थित रहे।

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