नई दिल्ली, 24 सितंबर — भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 60वें सत्र में पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। भारत ने पाकिस्तान पर ‘भारत के खिलाफ निराधार और भड़काऊ बयान देने के लिए मंच के दुरुपयोग’ का आरोप लगाया और खैबर पख्तूनख्वा में आम नागरिकों पर हुए हवाई हमले की कड़ी निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार राजनयिक क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि, “पाकिस्तान को भारत के भूभाग पर नज़रें गड़ाने के बजाय, अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली कर देना चाहिए।”
पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए भारत ने कहा:
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ‘जीवन रक्षक प्रणाली’ पर निर्भर है।
वहां की राजनीति सेना के दबाव में चलती है।
मानवाधिकारों का रिकॉर्ड दमन और उत्पीड़न से दागदार है।
पाकिस्तान आतंकवाद का निर्यात करता है और संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देता है।
खैबर पख्तूनख्वा में बमबारी की निंदा
भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र में हुए हवाई हमलों का हवाला देते हुए कहा कि यह अपने ही नागरिकों के खिलाफ हिंसा का उदाहरण है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोमवार रात हुए इस हमले में कम से कम 30 लोगों की मौत हुई।
भारत ने याद दिलाए आतंकवादी हमले
भारत ने अपने बयान में पहलगाम, उरी और मुंबई हमलों का भी ज़िक्र करते हुए पाकिस्तान को उसके आतंकवाद-समर्थन वाले रवैये की याद दिलाई।
‘UNHRC को राजनीति से दूर रहना चाहिए’
भारत ने मानवाधिकार परिषद से आग्रह किया कि वह गैर-राजनीतिक, वस्तुनिष्ठ और निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाए। क्षितिज त्यागी ने कहा, “हमें पूर्वाग्रह और चयनात्मकता के बजाय सहयोग और सामूहिक प्रयासों पर ध्यान देना चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “कुछ देशों में चुनिंदा रूप से मानवाधिकारों की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने से हम वैश्विक स्तर पर मौजूद साझा चुनौतियों से भटक जाते हैं।”
निष्कर्ष:
भारत का यह सख्त रुख न केवल पाकिस्तान की नीति पर करारा प्रहार है, बल्कि यह वैश्विक मंच पर भारत के मजबूत और संतुलित कूटनीतिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है।