उत्तरप्रदेश – हापुड़। बीमा राशि पाने के लिए लोग किस हद तक जा सकते हैं, इसका ताज़ा और चौंकाने वाला मामला हापुड़ जिले से सामने आया है। यहां आरोपियों ने सस्पेंस फिल्म जैसी पूरी कहानी गढ़ ली, लेकिन उनकी यह साजिश अंतिम समय में फेल हो गई। ब्रजघाट श्मशान घाट पर उस वक्त सनसनी फैल गई, जब अंतिम संस्कार के लिए लाए गए तथाकथित ‘शव’ की जगह प्लास्टिक का पुतला निकला।
ब्रजघाट श्मशान घाट पर हड़कंप: कफन उठाया तो निकला प्लास्टिक का पुतला
गढ़ कोतवाली क्षेत्र के तीर्थ स्थल ब्रजघाट में गुरुवार सुबह दाह संस्कार की तैयारी पूरी हो चुकी थी। पंडित मंत्रोच्चार कर रहे थे, लकड़ियाँ सज चुकी थीं। इसी बीच कुछ लोगों को शक हुआ। कफन हटाकर देखा गया तो मृतक की जगह प्लास्टिक का डमी रखा हुआ था। मौके पर मौजूद लोग दंग रह गए और तुरंत पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस जब मौके पर पहुंची तो कार की डिक्की से दो और पुतले बरामद हुए। पुलिस ने घटनास्थल से दो व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया।
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश—“शव हमें सील करके दिया गया था…”
हापुड़ पुलिस के अनुसार दिल्ली निवासी कपड़ा कारोबारी कमल सोमानी और आशीष खुराना प्रयागराज निवासी अंशुल का “शव” अंतिम संस्कार करने के लिए ब्रजघाट लाए थे। जब पुलिस ने डमी के बारे में सवाल किया तो दोनों ने पहले बताया कि उन्हें एक निजी अस्पताल के स्टाफ ने “सील किया हुआ शव” सौंपा था।
लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर सच्चाई सामने आने लगी और दोनों आरोपियों की पोल खुल गई।
बीमा कंपनी को चूना लगाने की थी योजना, एक साल पहले कराया था इंश्योरेंस
पूछताछ में कमल सोमानी ने कबूल किया कि उस पर 50 लाख रुपये का कर्ज है। कर्ज चुकाने के लिए उसने फिल्मी अंदाज़ में एक योजना बनाई थी।
उसकी दुकान पर काम करने वाले नीरज ने अंशुल के आधार और पैन कार्ड किसी बहाने से ले लिए थे। इन्हीं दस्तावेज़ों का उपयोग कर कमल ने एक साल पहले टाटा एआई से अंशुल के नाम पर बीमा करवाया और नियमित किस्तें भरता रहा।
योजना के अनुसार, पुतले का अंतिम संस्कार करके अंशुल का मृत्यु प्रमाण पत्र हासिल कर बीमा राशि लेने की तैयारी थी।
लेकिन पुलिस ने कमल के फोन से अंशुल को वीडियो कॉल किया तो पता चला कि अंशुल बिल्कुल सुरक्षित है और अपने स्थायी निवास प्रयागराज में मौजूद है।
दो आरोपी हिरासत में, साजिश का भंडाफोड़
गढ़ सीओ स्तुति सिंह के अनुसार,
“बीमा राशि के लालच में पुतले का अंतिम संस्कार कराने आए दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। जिस अंशुल को मृत दिखाया जा रहा था, वह जिंदा है। पूरा मामला 50 लाख की बीमा राशि हड़पने की साजिश है।”
पुलिस दोनों आरोपियों से पूछताछ कर पूरे घटनाक्रम की गहन जांच कर रही है।









